आइए दोस्तो आज हम इस आर्टिकल के जरिए जानते है ,मशीन लार्निंग क्या है, और इसका क्या उपयोग है,तो चलिए दोस्तो शुरू करते है,पहले हम लोग ये जानते है मशीन लारनिंग होती क्या है?



क्या आपको पता है, मशीन learning क्या है, और ये कैसे काम करता है,सुनने में तो ये बहुत ही आसान लगता है,लेकिन अगर आप इसके बारे में पूरी तरह जान जाए तब ये आप के लिए बहुत ही आसान है।तो चलिए जानते है मशीन learning Kya होती है।


मशीन learning क्या है?




जैसे कि आप लोग जानते होगे की यह एक प्रकार का एप्लीकेशन होता है,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जो कि सिस्टम्स को यह एबिलिटी प्रदान करता है,जिससे वो अपने आप ही learn कर सके और जरूरत पड़ने पर खुद को इंप्रूव भी कर सके मशीन learning आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही एक ब्रांच है, जिससे हम कंप्यूटर या मशीन को इस तरह से प्रोग्राम करते हैं, की यूजर इस मशीन से जैसा काम चाहता है वैसा काम कर दे सके और इस प्रोसेस में कंप्यूटर अपने पास पहले से  मौजूद डेटा के दम पर अपना काम करता है,और अपनी परफर्मेंस देता है।
मशीन को या कंप्यूटर को प्रोग्राम करने की प्रोसेस को ट्रेनिंग कहा जाता है। जिससे हम मशीन को कुछ डेटा देते है, और मशीन इस डेटा को अपने  डेटाबेस में स्टोर कर लेता है, इस प्रोसेस को लर्निंग प्रोसेस कहते हैं एक बार जब यह मशीन  डेटा स्टोर कर लेती है तो इसे trained machine बोलते है तो यह मशीन मौजूद डेटा के दाम पर अपना काम करती है,

मशीन लर्निंग algorithm के प्रकार

मुख्यतः तीन प्रकार के मशीन लर्निंग एल्गोरिथ्म होते हैं।

1)supervised learning: 
 Is learning me input ke Roop me labelled data Jinme example तथा answer samil hai aur fir एल्गोरिदम in labelled data ke adahar par Sahi result ka अनुमान लगाता है, इस तरह के एल्गोरिदम में मशीन अपने पास्ट में जो सीखा हुआ होता है, उसे यह नए डेटा में अप्लाई करता है जिससे वो labelled example ka istamaal karte hai जिससे वे फ्यूचर इवेंट को प्रिडिक्ट कर सकें, आउटपुट वैल्यूज के विषय में सिस्टम किसी भी नए इनपुट के लिए टारगेट प्रोवाइड कर सकती है, उन्हें sufficient traning Dene par यह लर्निंग एल्गोरिथ्म भी निकले हुए आउटपुट को कम प्यार करती हैं।


2) unsupervised machine learning algorithm:


इस एल्गोरिथ्म का तब इस्तेमाल किया जाता है, जब इंफॉर्मेशन जिसे ट्रेन किए जाने na hi classified हो ना ही labelled ho अनसुपरवाइज्ड लर्निंग ए स्टडी करती है, कि सिस्टम किसी फंक्शन को इंफर कर सके जिससे वे unlabled डाटा से  किसी हिडन स्ट्रक्चर को डिस्क्राइब कर सके यह सिस्टम किसी write-output को नहीं डिस्क्राइब करती है, लेकिन ए डाटा को एक्सप्लोर करती है और उनके डाटासेट से इंटरफेरेंस ड्रॉ करती है, इसमें इनपुट के रूप में labelled डाटा को आंसर नहीं दिया जाता isme algorithm ko deta ke आधार पर अनुमान लगाया होता है, अनसुपरवाइज्ड लर्निंग दो प्रकार की होती हैं।
1)clustering
2)association

3) reinforcement learning:
इस लर्निंग में एल्गोरिदम खुद के reward और फीडबैक को इनपुट के रूप में यूज करता है। Reinforce learning ke Yah method software एजेंट्स को एलाऊ करता है, ऑटोमेटिकली किसी भी आइडियल बिहेवियर को डिफाइन करने के लिए क्योंकि किसी स्पेसिफिक कॉन्टेक्स्ट के अंदर हो और जिससे वे उनकी परफॉर्मेंस को मैक्सिमाइज कर सकें simple reward फीडबैक बहुत ही जरूरी होती है, किसी भी एजेंट के लिए जिससे यह पता चल सके कि कौन सी एक्शन बेस्ट है।

मशीन लर्निंग का काम क्या होता है
मशीन लर्निंग कैसे काम करता है सुनने में आपको बहुत थी आश्चर्य महसूस होगा, aap sabhi ne online e commerce website per jarur visit Kiya hoga
शॉपिंग भी जरूर किए होंगे जहां ई-कॉमर्स वेबसाइट में रोजाना करोड़ों लोग आते हैं,और अपने पसंदीदा चीज खरीदते है क्योंकि यहां पर उनके लिए ढेर सारे प्रोडक्ट अवेलेबल रहते हैं, और बहुत कुछ दिखाई पड़ते हैं अनलिमिटेड ब्रांड कलर प्राइस रेट हमारी एक अच्छी आदत यह भी है कि ऐसे ही बिना देखे हम कोई भी चीज नहीं खरीद लेते हैं, बल्कि हम बहुत से चीजों को पहले देखते हैं और सही का चुनाव करते हैं सही चीजों को देखने के लिए हमें बहुत सारे आइटम को खोलना पड़ता है, बस हमारे इसी आदत को बहुत से एडवरटाइजिंग प्लेटफॉर्म टारगेट किए रहते हैं, इससे हमें रिकमेंड एक लिस्ट में बहुत से आइटम दिखाई पड़ते हैं, इन्हें कि हम पहले खोज चुके हुए होते हैं, यह सब चीज इंसान नहीं करता है स्टार्स को को ऐसे प्रोग्राम कर दिया गया है जिससे यह हमारी सारी गतिविधियां को रिकॉर्ड कर सकें इसी चीज के लिए मशीन लर्निंग हमारे बहुत काम आता है, क्योंकि वह हमारे व्यवहार को पढ़ लेता है और उसी हिसाब से खुद को प्रोग्राम कर लेता है इसलिए जितनी अच्छी डाटा मिलेगी उतनी ही अच्छे से लर्निंग मॉडल्स तैयार होंगे और कस्टमर को भी उसी हिसाब से फायदा होगा, उदाहरण के लिए हम हेल्थ केयर इंडस्ट्री ही ले लेते हैं उसमें हेल्थकेयर इंडस्ट्री में मशीन लर्निंग का बहुत ही ज्यादा उपयोग होता है इससे हमारा ट्रीटमेंट सही तरीके से हो पाता है और हम जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं।

Advantages of machine learning:-

वैसे तो मशीन लर्निंग के बहुत सारे एडवांटेजियस हैं जिनके विषय में हम शायद ही जानते हो,

1)मशीन लियरनिंग के बहुत सारे वाइड एप्लीकेशन है जैसे कि बैंकिंग और financial sector, healthcare retail,publishing Itayadi industries me.

2)Google aur Facebook machine learning ke istamaal se relevalent advertisment users ke past search behavior par hi आधारित होते है। इसलिए इसे टारगेटेड एड्स व कहा जाता है।

3)मशीन लर्निंग का इस्तमाल Multidimensional or multi variety data ko handle Karne ke liye Kiya जाता है वो व डायनामिक environment me

Disadvantage of machine learning:-


Kis action ko kab Tak kin प्रारिस्टीtiyo me Lena hai yah jachane me liye bhibhinay machine learning तकनीकों का जानना आवश्यक है।

मशीन लर्निंग की प्रवाय शीलता को जाचने या निर्धारित करने के लिए इससे प्रयाप्त होने वाले परिणामों की बाएख्य करना चुनौती पुण्य कार्य है।

मशीन लर्निंग में अधिक समय कि माग तथा समय समय पे अपडेट की अब्सायक्ता होती है ,तथा प्रतेक क्षेत्र मैं इसका उपयोग करना सरल नहीं होता

वैज्ञानिकों द्वारा मशीन लर्निंग की उच्च  स्तर खोज की जाने लगी है।


मशीन लर्निंग का भविष्य

मशीन लर्निंग का भविष्य सच में उज्जवल है,यह उन टेक्नोलॉजी में ऐसे हैं जिनकी लिमिट और क्षमता हम इंसानों द्वारा ही तय होती कि यह किस गति से कार्य कर सकती हैं और कहां तक की है चल सकती हैं आजकल के जीवन में मजहब मशीन लर्निंग में इतना ज्यादा डिपेंडेंट हो गए हैं इससे बाहर हम निकली ही नहीं पा रहे हैंमशीन लर्निंग हमारे जीवन का बहुत बड़ा शुरू होता है यह आने वाली पीढ़ी पीढ़ी फ्यूचर के लिए बहुत बड़ा उपयोग दाता है।




ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आप लोग को पसंद आया होगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आलेख कैसा लगा आप लोग को और अगला लेख किस सब्जेक्ट पर चाहिए।


Post a Comment

और नया पुराने