पठानकोट:-
पठानकोट भारत के पंजाब राज्य के पठानकोट जिले में स्थित एक नगर है 1849 से पहले यह नूरपुर की राजधानी था 2011 में यह नगठित पठानकोट जिले की राजधानी बन गया पठानकोट अपने धार्मिक स्थल के लिए प्रसिद्ध है।
1. रणजीत सागर बांध:-
यह बांध थिन बांध के रूप में भी जाना जाता है यह पंजाब का सबसे बड़ा जल विद्युत बांध है।यह रवि नदी पर स्थित है इसकी नगरी को शाहपुर कंडी कहा जाता है जो कि प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री सिंह सभा का निवास स्थान है यह बात खूबसूरत पहाड़ियों के बीच करना है जो कि इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। इस बांध को देखने दूर-दूर से पर्यटक यहां आते हैं।
2.मुक्तेश्वर मंदिर:-
पठानकोट से 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मंदिर यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इस मंदिर में सफेद संगमरमर का शिवलिंग है जिस पर ताबे की योनि है ऐसा माना जाता है कि पांडव निर्वासित काल के दौरान इस गुफाओं में ठहरे थे और भगवान शिव का सम्मान और उनकी पूजा करने के लिए इस मंदिर का निर्माण किए थे।
3. शनि देव मंदिर:-
यह मंदिर डलहौजी रोड में स्थित है इस स्थान पर पहले भगवान शिव का मंदिर था इस मंदिर में हर शनिवार को विशाल भंडारा होता है ऐसा भी कहा जाता है कि इस मंदिर में अपनी राशि के अनुसार स्तंभ पर मौली भागता है तो उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
4.नूरपुर किला:-
यह किला पठानकोट से लगभग 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस किले का निर्माण 10 वी शताब्दी में पठानिया काबिले द्वारा किया गया था इस किले की नक्काशी इतने सुंदर ढंग से की गई है कि देखकर मन आकर्षित हो उठता है इस किले के अंदर भगवान श्री कृष्ण का मंदिर भी है।
5. शाहपुर कंडी किला:-
इस किले का निर्माण 1505 में जसपाल सिंह पठानिया द्वारा किया गया था पर्यटक इस किले के परिसर में मंदिर और मस्जिद को भी देख सकते है इसके लिए से रवि नदी और हिमालय पर्वत का नजारा भी देखने को मिल जाता है।
6. काठगढ़ मंदिर:-
यह मंदिर भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है इस मंदिर की विशेषता प्राचीन लिंग द्वारा है यह मंदिर बीस और चंच नदी के संगम पर स्थित है यह मंदिर रोमन स्टाइल वास्तुकला में बनाया गया है।
7.माता आशापुरानी मंदिर:-
यह मंदिर सबसे पुरानी मंदिर है पठानकोट में यह मंदिर अशापुरानी जी को समर्पित है इस मंदिर में काफी मात्रा में श्रद्धालु आते हैं और वो जो भी मनोकामना करते हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।
8.डमटाल बाला किला:-
यह किला पठानकोट से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसके लिए की नक्काशी इतनी सुंदर ढंग से की गई है कि यहां पर्यटक दूर-दूर से इसके लिए को एक झलक पाने के लिए आते हैं यह किला पठानकोट का सबसे पुराना किला भी माना जाता है।
9. जलीय अनुसंधान केंद्र:-
यह केंद्र बांधों के विभिन्न प्रतिरूप तथा यहां प्रदर्शित सिंचाई की परियोजना के लिए प्रसिद्ध है यह पठानकोट से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर मलिकपुर में स्थित है इस बात की जनरल तकनीक को देखकर आपका मन आकर्षित हो उठेगा।
10.लक्ष्मी नारायण मंदिर:-
यह मंदिर लक्ष्मी नारायण जी को समर्पित है यह मंदिर पठानकोट का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है यह मंदिर पर्यटकों को देखने लायक एक ऐतिहासिक जगह है इस मंदिर के परिसर में प्राचीन मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं।
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