झांसी:-

झांसी भारत के उत्तर प्रदेश प्रांत में स्थित एक प्रमुख शहर है झांसी शहर पत्थर निर्मित किले के चारो तरफ फैला हुआ है यह किला शहर के बीच में स्थित बँगरा  नामक पहाड़ी पर निर्मित है झांसी पर चंदेल राजाओं का शासन था उस समय इसे बलवंत नगर के नाम सेे भी जाना जाता था 1857 में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार करने के स्थान पर उनके विरूद्ध संघर्ष करना उचित समझा वे अंग्रेजों से वीरतापूर्वक लड़ी और अन्त में वीरगति को प्राप्त हुईं। झांसी नगर के घर-घर में रानी लक्ष्मीबाई की वीरता के किस्से सुनाए जाते हैं। तो चलिए जानते हैं झांसी के बारे में।


1. राजकीय संग्रहालय झांसी:-

इस संग्रहालय में आप बुंदेलखंड के इतिहास के बारे में करीब से जान सकते हैं इस संग्रहालय में रानी लक्ष्मी बाई के जीवन से जुड़ी भी कई जानकारियां उपलब्ध हैं जो हो कि आप करीब से जान सकते हैं और इस संग्रहालय में कुछ कलाकृतियां भी है जो की रानी लक्ष्मीबाई की जीवन से जुड़ी बातें को व्यक्त करती हैं।


2.गणेश मंदिर:-

यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है यह वह मंदिर है जहां 1842 में रानी लक्ष्मीबाई का राजा गंगाधर राव के साथ विवाह हुआ था



3.रानी महल:-

इसे रानी महल के नाम से क्युकी यह भारत की प्रसिद्ध  योध्या रानी लक्ष्मीबाई का महल है इस महल का निर्माण निकलकर परिवार के रघुनाथ दितीय ने करवाया था इस महल के एक और कुआं है और दूसरी और फव्वारा है इस महल में 6 कक्ष हैं जिनमें प्रसिद्ध दरबार कक्ष भी शामिल है इस विशाल इमारत का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटिश तोपखाने द्वारा नष्ट कर दिया गया। इस महल को अब एक ऐतिहासिक संग्रहालय में बदल दिया गया है।

4. महाराज गंगाधर राव की छतरी:-

यह छतरी एक कब्र या युद्ध स्मारक है इसका निर्माण रानी लक्ष्मीबाई द्वारा उनके पति महाराज गंगाधर राव के निधन के बाद कराया गया लक्ष्मी तलाब के  के बाजू में स्थित है छतरी झांसी शहर का इतिहासिक केंद्र बना हुआ है 150 बर्ष पुरानी होने के बावजूद भी महाराज गंगाधर राव की छतरी खड़ी है।


5.झासी का किला:-


इस किले का निर्माण ओरछा के राजा वीर सिंह देव ने 1613 में पहाड़ी की चोटी पर करवाया था यह किला 16 से 20 फुट मोटी दीवारों से घिरा हुआ है इस दीवार में लगभग 10 दरवाजे हैं जिन दरवाजों का नाम राजा और राज्य के नाम पर रखा गया है यह किला 18 57 में स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र था किले में एक संग्रहालय भी है जिसमें एक तोप भी खड़ी है।


6.ओरछा पैलेस:-


इसका निर्माण बुंदेल के राजपूतों द्वारा किया गया था इसकी शुरुआत राजा रुद्र प्रताप सिंह ने की थी इसके लिए से आसपास का नजारा काफी अच्छा देखने को मिलता है यह किला बेतवा नदी के पास स्थित है।


7.चतुर्भुज मंदिर:-

यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है यह मंदिर ओरछा में स्थित है यह मंदिर चारभुजा वाले विष्णु जी के राम अवतार को दर्शाता है इस मंदिर में कई कलाकृतियां और अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे इस मंदिर मैं कमल के फूल की नक्काशी की गई है जो बेहद खूबसूरत लगती है।


8.बरूआ सागर:-


झांसी से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बरुआसागर शहर का नाम बरुआ सागर झील से पड़ा है स्टील का निर्माण ओरछा के राजा उदित सिंह जी ने करवाया था बरुआसागर पर्यटक स्थल के लिए काफी अच्छी जगह है यहां पर आपको झील के साथ-साथ यहां की हरियाली आपके मन को आकर्षित कर देने वाली है।


9.महालक्ष्मी मंदिर:-

यह मंदिर देवी लक्ष्मी को समर्पित है इस मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में रघुनाथ राव नेवलकर द्वारा किया गया नाजुक नक्काशी से बना यह मंदिर जो अपने निर्माण के समय से सभी ऐतिहासिक अंचलों का गवाह भी रहा है दिवाली के समय इस मंदिर पर बहुत ही ज्यादा भीड़ एकत्रित होती है।


10.सेंट जुडेस चर्च:-

यह चर्च झांसी के सिविल लाइन में स्थित है जो कैथोलिक ईसाइयों के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है इस चर्च का निर्माण 1996 में हुआ ऐसा माना जाता है कि इसकी नींव में सेंट जुड़े की हड्डी दफनाई गई थीस्वर्गीय बिशप एफएक्स फ्रेंच पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अपने सह धर्मियों के साथ मिलकर इस चर्च में प्रार्थना प्रारंभ की कैथोलिक भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं और इस संत के प्रति अपनी श्रद्धा को प्रगट करते है।


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