1.श्री रंगानाथस्वामी मंदिर:-



  • यह मंदिर विष्णु भगवान को समर्पित है जहां खुद विष्णु भगवान शेषनाग सैया पर विराजे हुए हैं इस मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 6,31,000 वर्ग मीटर(156 एकड़) है यह मंदिर सरीरंग्रम तिरूचीरपल्ली तमिलनाडु में कावेरी नदी के तट पर स्थित हैं इस मंदिर का निर्माण चोल वंश के राजा ने करवाया था इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर को ग्रेनाइट के पत्थर से बनाया गया है लेकिन मंदिर में मुख्य देवता की मूर्ति स्तुको  से बनी हुई है।


2.अक्षरधाम मंदिर :-


भारत की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के किनारे पर स्थित अक्षरधाम मंदिर भारतीय संस्कृति, वास्तुकला,के लिए एक अच्छा चित्रण है, यह मंदिर लगभग  2,40,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र  में फैला हुआ है।इस मंदिर को ज्योतिधर भगवान स्वामीनारायण की पूर्ण स्मृति में बनवाया गया था इस मंदिर को 26 दिसंबर 2007 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें स्टील, इस्पात, कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है।


3.बेलूर मठ रामकृष्णन मंदिर:-

बेलूर मठ भारत के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के पश्चिमी तट पर   स्थित है यह रामकृष्ण मिशन और मठ का मुख्यालय है इसकी स्थापना 1897 में स्वामी विवेकानंद ने की थी यह मठ रामकृष्ण परमहंस का मुख्यालय है यह मठ अपनी वास्तु कला के लिए प्रसिद्ध है जिसमें हिंदू,इस्लामी,और ईसाई तत्वों का मिश्रण देखने को मिलता है।


4.थिल्लाई नटराज मंदिर:-


यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यह मंदिर तमिल नाडु के चिदंबरम में स्थित है मान्यता है कि कैलाश पति ने इस पवित्र स्थान को अपने सभी शक्तियों से उपकृत किया था यह मंदिर 160,000 वर्ग मीटर 40 एकड़ में फैला हुआ है मंदिर की विशेषता यह है कि भगवान यहां ओम के आकार पर विराजमान है इस मंदिर में एक बेहद ही खूबसूरत तलाव और नित्य परिसर भी है यहां हर साल नित्य महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है।



5.बृहदेश्वर मंदिर:-


यह मंदिर तमिलनाडु के  तंजावुर में स्थित है इसका निर्माण 1003-1010 ई के बीच चोल शासक प्रथम राज राज चोल ने करवाया था यह  मंदिर लगभग 10,24,00 के वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर की दुर्ग की ऊंचाई विश्व में सर्वाधिक है और दक्षिण भारत की वास्तुकला की अनोखी मिसाल इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जोकि ग्रेनाइट से बना हुआ है।

6.अन्नामलाईयार मंदिर:-

यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन मलाई जिले में स्थित है यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर को अरुणाचलेश्वर शिव मंदिर भी कह कर संबोधित किया जाता हैइस मंदिर का निर्माण पल्लव वंश ने करवाया था 9 वीं शताब्दी में यह मंदिर 101,171 वर्ग मीटर में फैला हुआ है इस मंदिर की  विशेषता यह है की इस मंदिर में पांच शिव मंदिर है जिसमें भूमि जल वायु आकाश और अग्नि शामिल हैं और यह प्रत्येक एक प्राकृतिक तत्व की अभिव्यक्ति को दर्शाता है।


7.दक्षिणेश्वर काली मंदिर:-

यह मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के पास दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के किनारे स्थित है इस मंदिर की स्थापना सन 1885 में किया गया था। यह मंदिर101, 171 वर्ग मीटर 25 एकड़ में बना हुआ है इस मंदिर को जान बाजार की रानी रासामणि ने बनवाया था इस मंदिर की विशेषता यह है कि मंदिर के उत्तर और पश्चिम कोने में रामकृष्ण परमहंस का कक्षा आज भी ऐतिहासिक स्मृतिक के रूप में संरक्षित करके रखा गया है।


8.राजगोपाल स्वामी मंदिर:-

यह मंदिर मन्नरगुड़ी तमिलनाडु में स्थित है इस मंदिर के सामने का टावर 156 फीट लंबा है यह मंदिर93,000 वर्गमील 23 एकड़ में स्थित है इस मंदिर में एक टैंक बना हुआ है जो कि 23 एकड़ में फैला हुआ है यह मंदिर राजा गोपाल स्वामी कृष्ण जी को समर्पित है।


9.एकंबरनाथ मंदिर:-

यह मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम शहर में स्थित है यह मंदिर 92,860 वर्ग मीटर में फैला हुआ है यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है इस मंदिर की विशेषता यह है कि ऐसा माना जाता है की अनेक बरसों से एक आम का पेड़ है बहुत पुराना है इसी पेड़ के नीचे मां पार्वती ने भगवान महादेव शिव की पूजा की थी और घोर तपस्या करना शुरू कर दी थी फिर भगवान शिव ने उन्हें विवाह का वरदान दिया।


10.वाराधाराजा पेरूमल मंदिर:-

यह मंदिर तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है या मंदिर विष्णु भगवान को समर्पित है यह मंदिर81,000 वर्ग मील में फैला हुआ है इस मंदिर को भगवान विष्णु के यादों में बनवाया गया था यह मंदिर उन 108 मंदिरों में से एक है जहां अलवर या 12 संत गए थे यह मंदिर विष्णु कांची भाग  में ही स्थित है





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