आइए दोस्तों आज हम लोग इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कंप्यूटर प्रोग्रामिंग क्या है,और कितने प्रकार की होती है।
कंप्यूटर एक जनरल परपज मशीन होता है जोकि बहुत कम समय में बहुत ज्यादा कैलकुलेशन कर सकते है मतलब मिलियंस या ट्रिलियांस ऑफ कैलकुलेशन कर सकते है
पर कंप्यूटर खुद से कुछ नहीं कर सकते कंप्यूटर को काम करने के लिए इंस्ट्रक्शन देने पड़ते हैं और इंस्ट्रक्शंस हमी लोग देते हैं जिस प्रकार का इंटरेक्शंस हम लोग देते हैं उस प्रकार से कंप्यूटर वर्क करते हैं, और जो इंटरेक्शन हम लोग कंप्यूटर को देते हैं उसे हम लोग प्रोग्राम बोलते हैं और जो व्यक्ति प्रोग्राम को रीड करता है उसे हम लोग प्रोग्रामर बोलते हैं कंप्यूटर खुद से कुछ भी नहीं कर सकता उसको एक प्रोग्रामर की जरूरत होती है और जो प्रोग्रामर बोलता है उसी तरह काम कंप्यूटर करता जाता है कंप्यूटर के किसी टास्क को पूरा करने के लिए हम लोग प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं आइए जानते है कंप्यूटर प्रोग्रामिंग होती क्या है।
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग क्या है?
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में होती हैं जो कि कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देती हैं किसी कार्य को पूरा करने के लिए और इंस्ट्रक्शन देने वाले हम यूज़र ही होते हैं कंप्यूटर सिर्फ बाइनरी लैंग्वेज ही समझ पाता है और हम यूजर कंप्यूटर इंस्ट्रक्शन इसी लैंग्वेज में देते हैं
और इस बाइनरी लैंग्वेज को जो प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में जो कन्वर्ट करता है उसे हम "कंपाइलिंग" कहते है यह लैंग्वेज ही है जो कंप्यूटर को जल्दी से काम करने में सहायता करते हैं और बड़े बड़े कामों को करने में उपयोगिता साबित करते हैं। आजकल कंप्यूटर्स का उपयोग हर क्षेत्र में हो रहा है तो यह संभव हो सका इन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के ही कारणक्योंकि प्रोग्राम प्रोग्राम कर देते हैं और कंप्यूटर ऑटोमेटिक वर्क करता रहता है।
सिस्टम प्रोग्राम क्या होते है
ऐसी कंप्यूटर प्रोग्राम जो आपके हार्डवेयर रिसोर्स को मैनेज करते हैं उसे हम सिस्टम प्रोग्राम कहते हैं इन सिस्टम प्रोग्रामों का काम हमारे हार्डवेयर को सही तरीके से काम करने में सहायक होते हैं।यह सिस्टम प्रोग्राम प्रोग्रामर और हार्डवेयर के बीच तालमेल बैठाने में भी सहायक होता है सिस्टम प्रोग्राम की उपयोगिता मैनेजर कंट्रोल करने के लिए होती है कंप्यूटर ऑपरेशन को।
एप्लीकेशन प्रोग्राम क्या होते हैं
ऐसे प्रोग्राम जो कि कुछ स्पेशल टास्क को अंजाम देते हैं जैसे बेब ब्राउज़र, म्यूजिक प्लेयर, नोटपैड,गेम्स,और बहुत सारे इन प्रोग्रामों को एप्लीकेशन प्रोग्राम कहा जाता है क्योंकि इनमें पहले से ही एक प्रोग्राम सेट रहता है जो कि ऑटोमेटिक ही काम करता रहता है।
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार
1.मशीन लैंग्वेज:-
मशीन लैंग्वेज एक तरह से कंप्यूटर का आधार होती है यह केवल बायनरी नंबर को समझती हैं यह केवल 0,1 दो अंकों के प्रयोग से लिखी जाती है, यह केवल एक मात्र ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा है जो कि कंप्यूटर द्वारा सीधे-सीधे समझी जाती है इसे कंप्यूटर का मशीन संकेत भी कहा जाता है यह मशीन लैंग्वेज कंप्यूटर हार्डवेयर के सबसे पास होते हैं हर इकलौते कंप्यूटर की इकलौती मशीन लैंग्वेज होती है मशीन लैंग्वेज प्रोग्राम एग्जीक्यूटेबल होते हैं जिन्हें आसानी से रन किया जा सकता है।
2. असेंबली लैंग्वेज:-
असेंबली लेवल लैंग्वेज एक लो लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है इसको मशीन लैंग्वेज में सॉफ्टवेयर के द्वारा कन्वर्ट किया जाता है जिसे असेंबलर बोला जाता है। मशीन लैंग्वेज द्वारा प्रोग्राम तैयार करने में आने वाली कठिनाई को दूर करने हेतु कंप्यूटर वैज्ञानिकों ने एक अन्य कंप्यूटर प्रोग्राम भाषा पर निर्माण किया इस लैंग्वेज को असेंबली लैंग्वेज कहते हैं कंप्यूटर सिर्फ बाइनरी लैंग्वेज ही समझता है और असेंबली लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट करने के लिए असेंबलर का प्रयोग किया जाता है।
3.हाई लेवल लैंग्वेज:-
हाई लेवल लैंग्वेज एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसे कंप्यूटर प्रोग्राम को सरल बनाने के लिए डिवेलप किया गया है हाई लेवल सोर्स कोड में आसानी से पढ़ा जाने वाला सिंटेक्स होता है जिसे बाद में लो लेवल लैंग्वेज में परिवर्तित किया जाता है अधिकांश सामान्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को हाई लेवल लैंग्वेज माना जाता है जैसे,c,c++,COBOL,FORTRAN,Java, JavaScript,pascal इसमें से हां लैंग्वेज अलग-अलग सिंटेक्स का यूज करती हैं कोड execute होने से पहले उन्हें कंपाइलर या इंटरप्रेटर द्वारा प्रोसेस किया जाता है। कंपाइलर ट्रांसलेट करते हैं पूरा सोर्स कोड प्रोग्राम एक्सक्यूशन के पहले जैसे,c+,java) इंटरप्रेटर ट्रांसलेट करते हैं सोर्स कोड प्रोग्राम को एक लाइन एक समय में जैसे, python इंटरप्रेटर ज्यादा इंटरएक्टिव होते हैं कंपाइलर की तुलना में।
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